शोभायात्रा दोपहर 2 बजे भगवान का विधिवत पूजन व अर्चना के बाद श्रीगीता भवन खंडार से शुरू हुई जो कस्बे के मुख्यबाजार, सब्जी मंडी, तहसील कार्यालय, पंचायत समिति कार्यालय, शुक्ला तिराहा, बालेर मार्ग होती हुई रात करीब 8 बजे वापस श्री गीता भवन पहुंची। शोभायात्रा में कस्बे सहित दूरदराज के स्थानों से हजारों की संख्या में भक्तों ने भाग लिया। शोभायात्रा के दौरान भक्तों द्वारा श्री कृष्णं वंदे जगतगुरू के जयकारों से पूरा कस्बा गुंजायमान हो उठा। इस दौरान कस्बेवासी भक्ति सरोबर में पूरी तरह से डूबे नजर आ रहे थे। वहीं कई श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे। दूसरी ओर कस्बेवासियों द्वारा शोभायात्रा का जगह जगह पुष्पवर्षाकर व स्वागत द्वार बनाकर स्वागत किया गया।
कई स्थानों पर जलपान आदि की व्यवस्था भी की गई। महोत्सव के दौरान श्रीगीता भवन में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा व भक्तमाल कथा का भी समापन किया गया। इस मौके पर कथा वाचक रविनंदन शास्त्री ने अंतिम दिन की कथा के दौरान कहा कि सभी भक्त श्रीमद् भागवत कथा व गीताजी के उपदेशों को अपने जीवन में उतारकर इस मानव जीवन को धन्य बनाएं। उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी पर मानुष जीवन के लिए स्वर्ग में बैठे देवता भी तरसते हैं। पूर्व जन्मों में हमने जरूर कोई अच्छे कार्य किए होंगें, जिससे हमें यह मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ है, इसे व्यर्थ ही नहीं गवाएं।
उन्होंने गोमाता एवं भगवान की नित्य प्रति पूजा आराधना कर पुण्य लाभ अर्जित करने की बात भी कही। सात दिवसीय गीता महोत्सव के समापन के अवसर पर श्रीगीता भवन खंडार में भंडारे का आयोजन भी किया गया। इस दौरान हजारों भक्तों ने पंगत प्रसादी ग्रहण की। वहीं कस्बे में पिछले सात दिनों से विराजित दूर दराज से पधारे संतों का सभी भक्तगणों ने आशीर्वाद प्राप्त कर अपने आपको धन्य किया।
इस महोत्सव में स्थानीय सहित दूरदाराज के स्थानों से हजारों की संख्या में भक्तगण पहुंचे है। गोसेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णानंद जी महाराज के संरक्षण में इस कार्यक्रम में चित्रकूट से गोविंददेवजी महाराज, वृंदावन से बिहारीदासजी महाराज, अग्रपीठाधीश्वर राघवाचार्यजी महाराज, गिरधर गोपाल भक्त मालीजी महाराज, वृंदावन सुदामा कुटी से सुतीक्षणजी महाराज, भक्तमाली श्रीमामाजी बक्सरवालों के कृपा पात्र शिष्य मोहनदास जी महाराज सहित 300 से अधिक संत, महात्मा एवं तपस्वी मौजूद थे।
खंडार में सात दिवसीय गीता महोत्सव के अंतिम दिन शोभायात्रा, जयकारों से गूंजा कस्बा