हमेशा कैदियों का गिरेबान पकड़ने वाले पुलिस के जवानों के हाथों में बुधवार को थाल थे। इन थालों में सजे थे शादी के जोड़े, शगुन के रुपए और गहने। मौका था महिला पुलिस थाने के मैस में संविदा पर कार्यरत पूनादेवी की दोहिती का मायरा भरने का।
मायरा जैसे ही तैयार होकर महिला थाने से रवाना हुआ थाने की महिलाकर्मियों ने मंगलगीत गाने शुरू कर दिए। मायरा लेकर पुलिसकर्मी पूनादेवी के घर पहुंचे। वहां पर मोहल्ले के लोगों ने पुलिसकर्मियों काे माला पहनाकर स्वागत किया। वहां पर एडीशनल एसपी पवनकुमार और महिला पुलिस थाने के एसएचओ मनोज माचरा ने भात भरने की रस्में निभाई। यहां पर पुलिसकर्मियों ने पूनादेवी की दोहिती भारती की शादी के लिए शगुन के तौर पर एक लाख 51 हजार रुपए, शादी का जोड़ों के अलावा, अलमारी, कूलर, पलंग, एलईडी, घरेलू सामान सहित सामान दिया। पुलिसवालों ने जहां मायरे की रस्में को पूरा किया तो मोहल्ले के लोगों ने शादी के अन्य कामों में सहयोग किया। पूर्व पार्षद गजानंद शर्मा ने बताया कि मोहल्ले की हसीना आंटी ने भी शादी में दुल्हन के लिए गहनों और अन्य कामों में सहयोग दिया। इसके अलावा मोहल्ले के लोगों ने अपने अपने हिसाब से सहयोग दिया। भात भरने आए पुलिसकर्मियों का मोहल्ले के लोगों के लिए दुल्हन भारती ने तिलक लगाकर रस्में निभाई। मायरे भरने के लिए सब इंस्पेक्टर विजयश्री, महिला सुरक्षा सलाह केन्द्र की मंजू नागल, उम्मेद चौधरी, रामधन, ममता सहित थाने के सभी कर्मचारी आदि शामिल हुए। विदित रहे िक नोखा मूल के रामकिसन जयपुर के करधनी थाना प्रभारी है। इन्होंने भी दो दिन पहले अपने थाना क्षेत्र में ऐसी ही पहल की थी।
भारती और आरती के न तो मां है और न ही मामा
महिला थाने में संविदा पर कार्यरत पूनादेवी कश्यप के पति और उसकी पुत्री सुनीता (जो आरती और भारती की मां है) की मौत पहले ही हो चुकी है। करीब डेढ़ साल पहले पूना के बेटे सुनील कश्यप की भी मौत हो गई। एेसे में पूनादेवी पर अपनी दोनों नातियों और चार पोते पोतियों को पालने पोषने की जिम्मेदारी आ गई। घरों और थाने में खाना बनाकर वे अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। अब तो दुल्हन भारती की बड़ी बहिन आरती भी काम करके अपनी नानी का हाथ बंटा रही है।
बीकानेर में हुई ऐसी शादी जिसमें पूरा पुलिस थाना बावर्दी मायरा भरने पहुंचा